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नई दिल्ली, 01 अगस्त । दिल्ली उच्च न्यायालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और उसके तीन अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा चलाने के निचली अदालत के आदेश को गुरुवार को रद्द कर दिया। यह मामला आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल की बैठकों से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को रखने से संबंधित है। न्यायमूर्ति सुनील गौर का फैसला आरआईएल और उसके तत्कालीन समूह अध्यक्ष वी बालासुब्रमण्यन, उपाध्यक्ष ए एन सेतुरमन और महाप्रबंधक (कॉरपोरेट अफेयर्स) शंकर अडवाल द्वारा निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर आया। निचली अदालत का आदेश 1998 में दर्ज की गई प्राथमिकी के 14 साल बाद आया था। उसने कहा था कि आरआईएल और अधिकारियों के खिलाफ शासकीय गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) के तहत प्रथम दृष्टया मामला बनता है। यह मामला यहां कंपनी के कार्यालय से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के हितों से संबंधित सरकारी नीतियों वाले चार गोपनीय दस्तावेजों के मिलने से संबंधित है।

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