kiren-rijiju

नई दिल्ली । खेल मंत्री किरन रिजिजू ने 2022 बर्मिंगम कॉमनवेल्थ गेम्स से निशानेबाजी को बाहर किए जाने के मुद्दे पर बहिष्कार करने के मामले पर कहा कि इस तरह के बड़े स्तर का फैसला लेना अभी जल्दबाजी होगी। बर्मिंगम आयोजन समिति ने खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया है। इस फैसले पर भारतीय ओलिंपिक समिति और राष्ट्रीय निशानेबाजी संघ (एनआरएआई) कड़ी प्रतिक्रिया दी।

आईओए ने तो निशानेबाजी को बाहर किए जाने के विरोध में इन खेलों के बहिष्कार की धमकी दी है। रिजिजू ने कहा, ‘आईओए के अधिकारियों ने मुझसे मुलाकात की और मुझे 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में चल रहे मुद्दों से अवगत कराया, जहां से निशानेबाजी को हटा दिया गया है। उन्होंने मेरे समक्ष इन खेलों की बहिष्कार के संभावना को उठाया।’

खेल मंत्री ने कहा, ‘मैंने उनसे कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ (सीजीएफ) के अधिकारियों और बर्मिंगम खेलों की आयोजन समिति से बात कर हमारी चिंताओं से अवगत कराने को कहा है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर इस फैसले की समीक्षा नहीं की जाती है तो हम देखेगें क्या किया जा सकता है लेकिन इस समय बहिष्कार की बातें करना काफी जल्दी होगी। जाहिर तौर पर, बहिष्कार इसका समाधान नहीं है लेकिन मैं इस मामले में तभी अपनी राय दूंगा जब आईओए और सीजीएफ अधिकारियों के बीच बैठक का अंतिम परिणाम नहीं मिल जाता।’

राष्ट्रमंडल खेलों मे 1966 में जगह बनाने के बाद निशानेबाजी 1970 में एडिनबर्ग में हुए खेलों को छोड़कर प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रहा है। सीजीएफ ने जून में अपनी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में निशानेबाजी को बाहर कर तीन नए खेलों को शामिल करने की सिफारिश की। यह फैसला भारत के लिए झटका था क्योंकि पिछले साल के गोल्ड कोस्ट खेलों में देश के निशानेबाजों में सात स्वर्ण सहित 16 पदक हासिल किये थे। जिससे भारत कुल 66 पदकों के साथ तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था।

तात्कालिक मुद्दों पर बात करते हुए खेल मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारतीय ऐथलीट 2020 ओलिंपिक खेलों में रियो में हुए 2016 की तुलना में अधिक पदक जीते थे। रियो में भारत ने एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज हासिल किया था।

रिजिजू ने कहा, ‘मैंने अभी तीन महीने पहले खेल मंत्रालय का प्रभार ग्रहण किया है और 2020 तोक्यो ओलिंपिक में अब सिर्फ 10 महीने बचे है ऐसे में हमें मौजूदा प्रतिभा के साथ जाना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘दस महीने में हम नई प्रतिभा को तैयार नहीं कर सकते। हमने मौजूद प्रतिभा की पहचान की है और उन्हें सभी तकनीकी संसाधनों और आवश्यकता के मुताबिक अन्य जरूरी सहायता मुहैया करा रहे हैं।’

रिजिजू ने कहा, ‘हम पिछले ओलिंपिक से बेहतर नतीजे की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन ओलिंपिक में प्रतिस्पर्धा के उच्च मानक के कारण पदकों की संख्या के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल है। मेरी दीर्घकालिक तैयारी 2024 पैरिस और 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए है।’

दिल्ली में 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के दौरान कथित तौर पर घोटाले के आरोप लगने के बाद मीडिया में देश की छवि खराब हुई लेकिन रिजिजू ने कहा कि सरकार बहु-खेल स्पर्धाओं की मेजबानी पर विचार करने को तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी के खिलाफ नहीं है। जाहिर है किसी भी देश के लिए ओलिंपिक या एशियाई खेलों की मेजबानी करना गर्व का विषय है। हम ज्यादा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी को बढ़ावा देंगे क्योंकि हमारा सपना ओलंपिक की मेजबानी करना है।’रिजिजू ने कहा, ‘उससे पहले हमें दुनिया को अहसास करना होगा कि भारत मेजबानी कर सकता है। इसे सही समय पर किया जाना चाहिए।’

भारत पाकिस्तान के द्विपक्षीय खेल मुकाबलों के बारे में पूछे जाने पर रिजिजू ने कहा यह पूरी तरह से सरकार की राय पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, ‘सरकार की मंजूरी के बिना भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं होगी। लेकिन जब बात अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिताओं की आती है तो उसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 29 अगस्त को ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ को शुरू करेंगे। इस देशव्यापी अभियान में नागरिकों को कम से कम एक फिटनेस गतिविधि को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। रिजिजू ने कहा कि देश की समग्र विकास के लिए फिटनेस जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘इस अभियान के पीछे बुनियादी सोच यह है कि सभी भारतीय पूरी तरह से फिट हो।’ उन्होंने कहा, ‘भारत को अगर शक्तिशाली, समृद्ध राष्ट्र और फिर से आगे बढ़ना है तो यह तभी संभव होगा जब हर भारतीय फिट होगा। यह बड़ा अभियान है जिससे समाज के सभी वर्गों के लोग जुड़ेंगे।’

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed