बीजिंग/लाहौर । जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और लद्दाख को प्रदेश से अलग करने के बाद पाकिस्तान विश्व समुदाय के सामने लगातार क्षेत्र में शांति को खतरा होने की दुहाई देता फिर रहा है. साथ ही इसका रोना रोकर वह विभिन्न देशों से समर्थन की भीख मांग रहा है. इसी क्रम में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बीजिंग में चीन के अपने समकक्ष वांग झी से मुलाकात की. दोनों के दरमियान हुई मुलाकात से सम्बंधित समाचार को पाकिस्तान में शनिवार को प्रकाशित अधिकतर अखबारों ने अपना प्रमुख समाचार बनाया है.
दैनिक जंग, रोजनामा पाकिस्तान, दुनिया, नवाएवक्त, एक्सप्रेस न्यूज और अवसाफ में प्रकाशित इन खबरों में शाह महमूद कुरैशी के जरिए दावा किया गया है कि कश्मीर मामले पर चीन ने पाकिस्तान के रुख का समर्थन कर दिया है. उनके अनुसार चीन ने कश्मीर समस्या पर पाकिस्तान के रुख का भरपूर समर्थन करते हुए जोर दिया है कि कश्मीर समस्या को संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्बंधित प्रस्तावों के तहत हल किया जाए. चीन का मानना है कि कश्मीर से सम्बंधित एकतरफा कार्रवाई परिस्थितियों को और पेचीदा बना देगी. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद पत्रकार वार्ता में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय कार्रवाई के विरुद्ध सुरक्षा परिषद में जाने का फैसला किया है और इसमें चीन ने पाकिस्तान का पूरा समर्थन करने का भरोसा दिलाया है.
नवाएवक्त और रोजनामा अवसाफ ने इसी समाचार के साथ पाकिस्तान द्वारा दुनिया के दीगर रहनुमाओं से संपर्क साधे जाने की खबर भी जोड़ी है. नवाएवक्त ने लिखा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बहरीन के शाह शेख हम्द बिन ईसा अल-खलीफा से टेलिफोन पर संपर्क किया और उनको कश्मीर की ताजा स्थिति बताकर भरोसे में लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के गैरजिम्मेदार रवैसे का नोटिस ले. इस पर उन्हें शाह शेख हम्द की तरफ से बस इतना आश्वासन भर मिला कि बहरीन पूरी स्थिति पर निगाह रखे हुए है. आशा है कि तमाम मुद्दे बातचीत द्वारा हल किए जाएंगे.
नवाएवक्त के साथ-साथ रोजनामा अवसाफ ने भी पाकिस्तान की कौमी असेंबली के स्पीकर असद कैसर के जरिए मलेशियाई संसद के स्पीकर मोहम्मद आरिफ बिन यूसुफ और तुर्की की ग्रैंड असेंबली के स्पीकर मुस्तफा सेंटोप से टेलिफोनिक संपर्क किए जाने को चीन के समर्थन वाले समाचार के साथ जोड़ा है. इस दौरान उन्होंने भारत द्वारा अनुच्छेद-370 और 35-ए समाप्त किए जाने को कश्मीर की मासूम अवाम के साथ ऐतिहासिक धोखा करार दिया. खबरों में यह भी दावा किया गया है कि इन दोनों नेताओं ने पाकिस्तान को समर्थन देने का भरोसा दिलाया है. दीगर समाचारपत्रों ने इसे अलग स्पेस दिया है.
दैनिक दुनिया ने चीन के समर्थन वाले अपने मुख्य समाचार के साथ ही कश्मीर घाटी में शुक्रवार के रोज कर्फ्यू तोड़कर जुमे की नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में आने, बड़े पैमाने पर श्रीनगर में विरोध-प्रदर्शन होने और प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई को भी जोड़ा है. आगे लिखा है कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और पैलेट गन्स का इस्तेमाल किया. इसमें कई लोगों की गिरफ्तारियों के साथ घायल होने की बात कही गई है. दैनिक जंग, एक्सप्रेस न्यूज, रोजनामा पाकिस्तान समेत सरहद उस पार के दीगर उर्दू समाचारपत्रों ने इसे अपने प्रथम पृष्ठ पर अलग से जगह दी है.
उधर प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में संघीय मंत्रिमंडल की बैठक को भी लगभग सभी समाचारपत्रों ने प्रथम पृष्ठ पर जगह दी है. कहा गया है कि काबीना ने राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी के सभी फैसलों को मंजूर करते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबार स्थगित करने को स्वीकृति दे दी. साथ ही कश्मीर समस्या को वैश्विक स्तर पर उठाने की रणनीति तैयार करने और उस पर तुरंत अमल करने की स्वीकृति दी गई. इसके अलावा रेल मंत्रालय द्वारा समझौत एक्सप्रेस बंद करने और आर्थित संपर्क कमेटी (ईसीसी) के निर्णयों को भी मंजूरी दी गई.
कुछ अखबारों ने पाकिस्तान सरकार के जरिए 14 अगस्त अर्थात पाकिस्तान के यौमे आजादी को कश्मीर एकजुटता दिवस के तौर पर मनाने और 15 अगस्त यानी भारत के स्वतंत्रता दिवस को काला दिवस के तौर पर मनाने का नोटिफिकेशन जारी करने को भी जगह दी है. साथ ही पाकिस्तान द्वारा थार एक्सप्रेस और दोस्ती बस को बंद किए जाने की खबर को अखबारों ने प्रकाशित किया है.
कई अखबारों ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता जनरल आसिफ गफूर के उस बयान को छापा है, जिसमें उन्होंने भारत को चेतावनी दी है कि भारत के किसी भी अभियान का 27 फरवरी से अधिक सख्त जवाब दिया जाएगा. उन्होंने भारतीय जनरल के उस बयान को हमेशा की तरह झूठ का पुलिंदा करार दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी सेना लाइन ऑफ कंट्रोल पर घुसपैठ करा रही है.