zoya aktar

मुंबई, 22 अगस्त (वेबवार्ता)। ‘गली बॉय’ और ‘दिल धड़कने दो’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुकी जोया अख्तर का कहना है कि वह ऐसी फिल्में बनाने की कोशिश करती हैं, जिन्हें वह खुद देख सकती हों। जोया ने कहा, “जब मैं छोटी थी तो मेरी एक निश्चित धारणा थी कि सिनेमा में क्या परोसा जाता है। तब तक मैंने ‘सलाम बॉम्बे’ नहीं देखी थी। यही वह परिवर्तन था कि आप जैसा चाहते हैं, वैसा फिल्म के साथ कर सकते हैं। मैं उन फिल्मों को बनाने की कोशिश करती हूं, जिन्हें मैं देख सकती हूं।”

जोया अख्तर ने मेलबर्न के भारतीय फिल्म समारोह के दौरान इस पर मुद्दे पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिल्वर स्क्रीन पर पुरुषों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व पिछले कुछ वर्षो में बदल गया है। उन्होंने कहा, “हम स्क्रीन पर जो पुरुष देखते हैं, वे बदल गए हैं। उनकी कहानियां और चरित्र आज बहुत अलग हैं। विक्की कौशल को ‘राजी’ में देखें। यह कितनी सुंदर भूमिका थी। इसका श्रेय मेघना को जाता है, क्योंकि उन्होंने इस हिस्से को लिखा। हम उन पुरुषों को प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें हम स्क्रीन पर देखना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “आपके द्वारा बनाए गए चरित्रों को सतह से अधिक गहराई में उतरना होता है। आपको यह दिखाना होगा, जो पहले कभी नहीं देखा गया है। इसमें बारीकियां होनी चाहिए। यह विचार एक ऐसा मनोविज्ञान बनाने के लिए है जो दर्शकों के साथ बेहतर तरीके से जुड़ सके।” जोया वर्तमान में नेटफ्लिक्स के आगामी संकलन ‘घोस्ट स्टोरीज’ के लिए अपनी लघु फिल्म पर काम कर रही हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *