नई दिल्ली, 09 अगस्त (वेबवार्ता)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पूर्व मंत्री पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है. पिछले एक अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक आज तक के लिए बढ़ाई थी. एक अगस्त को सुनवाई के दौरान पी. चिदंबरम की ओर से कहा गया था कि उनकी अग्रिम जमानत नहीं देने की कोई वजह नहीं है. उनकी इस दलील का ईडी और सीबीआई ने विरोध किया था.
पिछले 31 जुलाई को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से एक अगस्त को होने वाली सुनवाई को अगस्त के आखिर तक स्थगित करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि मामले पर सुनवाई नियत समय पर ही होगी.
पिछले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक आज तक तक के लिए बढ़ाई थी. 30 मई को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से सुनवाई तीन हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि सिंगापुर से साक्ष्य लाने में समय लगेगा. उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई एक अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी एक अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था.
पिछले आठ मई को भी कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई थी. पिछले 26 अप्रैल को भी ईडी ने सुनवाई चार हफ्ते स्थगित करने की मांग की थी, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई थी. ईडी का कहना था कि सिंगापुर से साक्ष्यों को आने में अभी वक्त लगेगा.
पिछले 25 मार्च को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ाई थी. सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने कहा था कि उन्हें इस मामले में सिंगापुर से कुछ सूचनाओं का इंतजार है. आठ मार्च को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपलब्ध नहीं थे, जिसकी वजह से सुनवाई टालनी पड़ी. पिछले 18 फरवरी को ईडी ने सुनवाई टालने का आग्रह किया था और कहा था कि उसे कार्ति चिदंबरम से पूछताछ करनी है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दिया था.
26 नवंबर,2018 को सीबीआई और ईडी ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में सीबीआई और ईडी की ओर से दायर मामलों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है.
23 नवंबर,2018 को पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने पटियाला हाउस कोर्ट में जवाब दाखिल किया था. वकील अर्शदीप ने दोनों की तरफ से जवाब दाखिल करते हुए सीबीआई और ईडी के आरोपों से इनकार किया.