नई दिल्ली, 31 जुलाई । लोकसभा में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने बुधवार को उन्नाव में बलात्कार पीड़िता मामले में राज्य सरकार के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए सदन से बहिर्गमन किया और कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को इस बारे में जवाब देना चाहिए। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार इस मामले में जिस तरह से काम कर रही है उससे पीड़िता को न्याय मिलने की संभावना नहीं है और यह गंभीर चिंता का विषय है।
विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है और गृहमंत्री को इस बारे में बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो कर रहा है इसके बावजूद पीडिता तथा उसके परिजनों को धमकी मिल रही है। पीड़िता और उसका वकील दुर्घटना में गंभीररूप से घायल हुए है। भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने इस पर आपत्ति की जिसके कारण सदन में काफी शोर शराबा हुआ।
अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से कहा कि वे पहले भी इस मामले का उठा चुके हैं। श्री चौधरी ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और गृहमंत्री को इस पर बयान देना चाहिए। भाजपा सदस्यों की तरफ से किए जा रहे शोर शराबे को देखते हुए कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों ने सदन से बहिगर्मन कर दिया। कांग्रेस के साथ ही द्रमुक सदस्यों ने भी सदन से बहिर्गमन कर दिया।
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप्त बंद्योपाध्याय ने उन्नाव की घटना का कड़ा विरोध किया और कहा कि यदि सदन में पश्चिम बंगाल की घटना को लेकर विचार किया जा सकता है तो उन्नाव की घटना पर सदन को चुप नहीं रहना चाहिए। अध्यक्ष ने कहा कि जब बंगाल का मामला सदन में उठाया गया था तो पूरा सदन इसके लिए सहमत था। उन्होंने कहा कि इस तरह से कई राज्यों के मामले सामने आएंगे तो सभी पर विचार करना पड़ेगा। इस तरह के मुद्दों को उठाना है तो इस बारे में फैसला भी सदस्यों को ही करना है।