कोलंबो, 31 जुलाई । श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने दावा किया कि उन्हें ईस्टर संडे के दिन हुए आतंकी हमले से पहले भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिली चेतावनी की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें संबंधित अधिकारियों द्वारा इसकी जानकारी दी जाती तो इसे रोका जा सकता था। सिरिसेना ने पिछले महीने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 21 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के संबंध में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 21 दिन पहले ही संभावित हमले की जानकारी दी थी, लेकिन उन्हें इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली। ईस्टर के मौके पर हुए इस हमले में 258 लोगों की मौत हो गई थी। राष्ट्रपति ने कहा कि वह 16 अप्रैल को विदेश यात्रा पर रवाना हुए लेकिन तब तक उन्हें भारत द्वारा दी गई खुफिया रिपोर्ट की जानकारी नहीं थी। हालांकि उस समय इस मुद्दे पर रक्षा सचिव और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक के बीच बातचीत हुई थी। उन्होंने शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान मंगलवार को कहा, ‘‘ मैं 21 अप्रैल के हमले के संबंध में मिली चेतावनी से अवगत नहीं था, लेकिन अगर रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े अधिकारियों ने मुझे इसकी जानकारी दी होती तो मैं इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाता।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ इस हमले को रोकने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप मुझ पर लगा, लेकिन सच्चाई यह है कि मुझे पहले इसकी जानकारी ही नहीं मिली थी।’’ उन्होंने कहा कि इस हमले ने देश के समुदायों में डर का माहौल बना दिया। सिंहली, तमिल और मुस्लिम एक-दूसरे पर संदेह करने लगे हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ ईस्टर संडे हमले में जिनकी भी मौत हुई, वे श्रीलंका के थे। और किसी को भी इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि हमले के बाद भड़के दंगों में मुस्लिमों को भी नुकसान हुआ।’’