नई दिल्ली । वैश्विक इस्पात कंपनी आर्सेलर मित्तल को जून 2019 तिमाही में 44.70 करोड़ डॉलर का घाटा हुआ है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह मुख्यत: कच्ची सामग्रियों के दाम बढ़ने तथा इस्पात के सस्ता होने के कारण है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसे पिछले साल की समान तिमाही में 186.50 करोड़ डॉलर का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी जनवरी से दिसंबर वित्त वर्ष का अनुसरण करती है। कंपनी ने कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी बिक्री मामूली 0.50 प्रतिशत की तेजी के साथ 19.3 अरब डॉलर रही।कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने परिणाम के बारे में कहा कि 2018 की मजबूती के बाद 2019 की पहली छमाही में बाजार की परिस्थितियां प्रतिकूल रहीं। कच्ची सामग्रियों की अधिक कीमत तथा इस्पात के सस्ता होने के कारण कंपनी को मुनाफे के मोर्चे पर घाटा सहना पड़ा है। उन्होंने कहा कि खान क्षेत्र से हुए मुनाफे ने इस्पात क्षेत्र के नुकसान के असर को कुछ कम किया। इस साल की दूसरी छमाही के परिदृश्य के बारे में कंपनी ने कहा कि उसे वैश्विक इस्पात मांग में इस दौरान 0.50 से 1.50 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान है। कंपनी ने कहा कि इस साल जून के अंत तक उसके ऊपर 13.80 अरब डॉलर का कुल कर्ज है।