
Edited by मुर्तज़ा सोलंकी, Updated: 28 जुलाई, 2021 08:55 PM
बुलंदशहर । वर्षों की कड़ी लग्न और मशक्कत के बाद मेडीकल की पढ़ाई करके एमबीबीएस की डिग्री हासिल की जाती है जिसके बाद मेडिकल फील्ड में प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ लंबे प्रशिक्षण के बाद एक डॉक्टर तैयार होता है शरीर के बाहरी और अंदरूनी अंगों में खास तौर पर प्रशिक्षण हासिल करने के बाद विशेषज्ञ कहलाता है जैसे नेत्र रोग विशेषज्ञ, दिल की बीमारियों से संबंधित कार्डियोलॉजिस्ट कहलाता है , हड्डी से संबंधित ऑर्थो, पेट की बीमारी से संबंधित गेस्ट्रोलॉजिस्ट कहलाता है यानी शरीर के अलग अलग हिस्सों के रोगों के लिए एक विशेषज्ञ डॉक्टर होता है।
देश मे ऐसे हज़ारों संस्थान व अस्पताल है जो अलग अलग रोगों के विशेषज्ञ हैं लेकिन आपको हर गली मोहल्ले में ऐसे नीम हकीम और झोला छाप डाक्टरो की भीड़ मिल जाएगी जो बिना किसी प्रशिक्षण व पढ़ाई के अपने आप को डॉक्टर समझने की भूल कर बैठे हैं ऐसे कथित डॉक्टर, लोगों की ज़िन्दगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे सैकड़ों अवैध नर्सिंग होम संचालित हैं जो बिना सरकारी अनुमति के धड़ल्ले से चल रहे हैं और इनमे कार्यत डॉक्टरों पर ना तो कोई डिग्री है और न कोई अनुभव अब सवाल ये है कि इतनी बड़ी तादात में चल रहे अवैध प्राइवेट नर्सिंग होम स्वामियों को आखिर किन सफेदपोशों का संरक्षण हासिल है ।
सरकार के लाख दावों के बावजूद आपको ऐसे छोटे मोटे नर्सिंग होम दिखाई देंगे जो नियमों को ताक पर रखकर लोगो की ज़िन्दगियों से खिलवाड़ कर रहे है।
बुलंदशहर में भी कुछ ऐसे ही अवैध नर्सिंग होम संचालित हैं जिनमे ना तो मानकों के अनुसार उपकरण हैं और ना ही उनमें प्रशिक्षित डॉक्टर कार्यत हैं सूत्रों के अनुसार ईदगाह रोड पर संचालित यशोदा हॉस्पिटल के नाम से संचालित नर्सिंग होम के डॉक्टर से जब एक व्यक्ति ने 65 वर्षीय मरीज़ के गाल ब्लैडर की सर्जरी की बात कही जबकि वह 65 वर्षीय मरीज़ पहले से ही हार्ट सर्जरी करवा चुका था और इस समय हाई रिस्क पर है जिसको अन्य काबिल डॉक्टरों द्वारा हायर सेंटर में सर्जरी कराने की सलाह दी थी उसे भी यशोदा हॉस्पिटल के डॉक्टर ने अपने यहाँ गाल ब्लेडर की सर्जरी करने की हामी भर ली।
ऐसे ही दूसरा नाम आता है बाईपास रोड पर पेट्रोल पंप के नज़दीक मैक्स – एक्स हॉस्पिटल का जहाँ आपको सुविधाओं का अभाव मिलेगा । सूत्रों के अनुसार इस तरह के कथित हॉस्पिटलों में धड़ल्ले से अवैध रूप से एबॉर्शन (गर्भपात) जैसे कामो को भी अंजामं दिया जाता है। दरअसल सारा खेल आपसी सांठगांठ व मिलीभगत का प्रतीत होता है। अब सवाल यह है कि क्या ऐसे नर्सिंग होम सीएमओ के के संज्ञान में नही हैं या इन नर्सिंग होम संचालकों पर सफेदपोशों का हाथ है ।
